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Hanuman Strot || श्री हनुमान स्तोत्र ||बाल समय रवि भक्षी लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारो।

श्री हनुमान स्तोत्र: संकटमोचन की महिमा

हनुमान जी, भगवान राम के परम भक्त और संकटमोचन, हिंदू धर्म में अत्यंत पूजनीय हैं। उनकी शक्ति, भक्ति और साहस की गाथाएं हर युग में प्रसिद्ध हैं। यहां प्रस्तुत है श्री हनुमान स्तोत्र, जो हनुमान जी की महिमा और उनके संकटमोचन स्वरूप को दर्शाता है।


यहां पढ़े संपूर्ण हनुमान स्त्रोत हिंदी में…

श्री हनुमान स्तोत्र || Hanuman Strot Lyrics

 

बाल समय रवि भक्षी लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारो।
ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो।

अर्थ: बाल्यकाल में हनुमान जी ने सूर्य को फल समझकर निगल लिया, जिससे तीनों लोकों में अंधकार छा गया। इससे संपूर्ण संसार में भय व्याप्त हो गया, और यह संकट किसी के द्वारा दूर नहीं किया जा सका।

देवन आनि करी बिनती तब, छांडि दियो रवि कष्ट निवारो।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।

अर्थ: देवताओं ने हनुमान जी से प्रार्थना की, और तब उन्होंने सूर्य को छोड़कर संसार के कष्ट को दूर किया। हे कपिश्रेष्ठ! संपूर्ण संसार में आपका नाम संकटमोचन के रूप में प्रसिद्ध है।

बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारो।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।।

अर्थ: जब बालि के भय से वानरों ने पर्वतों में शरण ली, तब हनुमान जी ने महाप्रभु श्री राम का मार्ग प्रशस्त किया। हे कपिश्रेष्ठ! संसार में आपका नाम संकटमोचन के रूप में विख्यात है।

अंजनि पुत्र महा बलदाई, संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा, जय जय जय हनुमान गुसाईं।।

अर्थ: हे अंजनी पुत्र हनुमान! आप महान बलशाली हैं और सभी संकटों को दूर करने वाले हैं। जो कोई भी आपका स्मरण करता है, उसके सभी दुख और पीड़ा समाप्त हो जाते हैं। हे हनुमान जी, आपकी जय हो, जय हो, जय हो!


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स्तोत्र का महत्व

यह स्तोत्र हनुमान जी की असीम शक्ति और उनके संकटमोचन स्वरूप को दर्शाता है। इसे नियमित रूप से पढ़ने या सुनने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं, और उन्हें आंतरिक शक्ति और साहस प्राप्त होता है।

कैसे करें स्तोत्र का पाठ?

  1. सुबह या शाम के समय स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें।
  3. धूप, दीप और फूल अर्पित करें।
  4. श्रद्धा और भक्ति के साथ इस स्तोत्र का पाठ करें।

निष्कर्ष

श्री हनुमान स्तोत्र हमें यह संदेश देता है कि हनुमान जी की भक्ति और स्मरण से हर संकट दूर हो सकता है। उनकी कृपा से भक्तों को शक्ति, साहस और आशीर्वाद प्राप्त होता है।

जय श्री राम! जय हनुमान!

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