To get your site ready to show ads, copy and paste this HTML tag between the tags on each page of your site. Holi 2025: 2025 में होली कब है? 14 या 15 मार्च को जानिए शुभ मुहूर्त।

Holi 2025: 2025 में होली कब है? 14 या 15 मार्च को जानिए शुभ मुहूर्त।

Holi 2025:  जिसे “रंगों का त्योहार” कहा जाता है, भारत के सबसे प्रसिद्ध और उल्लासपूर्ण उत्सवों में से एक है। Holi 2025 त्योहार न केवल रंगों और मस्ती से जुड़ा है, बल्कि इसके पीछे गहरा धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व छिपा है। होली 2025 (Holi 2025)  के बारे में पूरी जानकारी, शुभ मुहूर्त, और इसके इतिहास को जानने के लिए यह लेख पढ़ें।

होलि 2025 का शुभ मुहूर्त (Holika Dahan Subh Muhurat 2025)

Holika Dahan 2025
Image Credit: Peakpx

 

होलिका दहन के लिए शुभ समय की गणना पूर्णिमा तिथि और अन्य खगोलीय गणनाओं के आधार पर की जाती है। 2025 में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त निम्नलिखित है

  • होलिका दहन तिथि: 13 मार्च 2025
  • पूर्णिमा तिथि आरंभ: 13 मार्च 2025 को शाम 06:34 बजे से
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 14 मार्च 2025 को दोपहर 03:09 बजे तक
  • शुभ मुहूर्त (Holika Dahan का सही समय): 13 मार्च को सूर्यास्त के बाद, लगभग शाम 06:34 से रात 09:02 बजे तक।

होलिका दहन के समय लोग अग्नि की पूजा करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि बुराइयाँ नष्ट हो जाएँ और घर में सुख-शांति बनी रहे।

होली 2025 कब है? (Holi Kab Hai 2025)

होली हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। 2025 में, होली का त्योहार 14 मार्च, शुक्रवार को मनाया जाएगा। होली दो दिनों तक मनाई जाती है:

  1. होलिका दहन: 13 मार्च 2025 (गुरुवार) की रात को।
  2. धुलेंडी (रंगों वाली होली): 14 मार्च 2025 (शुक्रवार)।

होली क्यों मनाई जाती है? 

होली एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। इसके पीछे कई धार्मिक और पौराणिक कथाएँ हैं।

1. प्रह्लाद और होलिका की कथा

भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद को उनके पिता राजा हिरण्यकश्यप ने मारने की योजना बनाई। उन्होंने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया कि वह प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठे। होलिका को वरदान था कि आग उसे नहीं जला सकती, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित बच गए और होलिका जलकर भस्म हो गई। तभी से होली का त्योहार बुराई के नाश और भक्ति की जीत के रूप में मनाया जाता है।

2. राधा-कृष्ण और रंगों की होली

भगवान श्रीकृष्ण और राधा की प्रेम कहानी भी होली से जुड़ी हुई है। कृष्ण ने अपनी माता यशोदा से शिकायत की थी कि राधा और उनकी सखियाँ गोरी हैं जबकि वे स्वयं श्यामवर्ण के हैं। इस पर माता यशोदा ने कृष्ण को राधा पर रंग डालने की सलाह दी। तभी से रंगों की होली मनाने की परंपरा शुरू हुई।

 

होली 2025: सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल तरीके से मनाएँ

  • प्राकृतिक रंगों का उपयोग: केमिकल युक्त रंगों की जगह हल्दी, चंदन, और फूलों से बने रंग इस्तेमाल करें।
  • पानी की बचत: पानी की बर्बादी रोकने के लिए ड्राई होली या फूलों की होली मनाएँ।
  • स्वास्थ्य का ध्यान रखें: आँखों और त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए सनस्क्रीन और चश्मे का प्रयोग करें।

 

निष्कर्ष

होली 2025 का त्योहार 14 मार्च को मनाया जाएगा, जो हमें प्रेम, एकता और नई शुरुआत का संदेश देगा। होलिका दहन के शुभ मुहूर्त का पालन करें, प्राकृतिक रंगों से खेलें, और इस पर्व को सुरक्षित तरीके से मनाएँ। याद रखें, होली सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि दिलों को जोड़ने का त्योहार है।

होली 2025 की आपको और आपके परिवार को ढेर सारी शुभकामनाएँ! 

Leave a Comment