4 सितंबर 2025 का पंचांग: शुभ मुहूर्त, राहुकाल और ज्योतिषीय महत्व हिंदू पंचांग में प्रत्येक दिन का अलग महत्व होता है। 4 सितंबर 2025, गुरुवार का दिन भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि से प्रारंभ होकर त्रयोदशी तक जाएगा। यह दिन ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष माना गया है क्योंकि इस दिन शुभ मुहूर्त के साथ-साथ कुछ अशुभ समय भी बन रहे हैं। आइए विस्तार से जानते हैं आज का पंचांग, शुभ-अशुभ समय और ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति।
तिथि, वार और मास की जानकारी
4 सितंबर 2025 को भाद्रपद शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि है। तिथि का प्रारंभ 3 सितंबर को हुआ और यह अगले दिन सुबह 4:08 बजे तक चलेगी। इसके बाद त्रयोदशी तिथि शुरू होगी। वार गुरुवार है, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन विष्णु जी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
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सूर्योदय: प्रातः 6:13 बजे
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सूर्यास्त: सायं 6:34 बजे
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय पंचांग में विशेष महत्व रखता है। इसी आधार पर शुभ-अशुभ घड़ी का निर्धारण किया जाता है।
शुभ समय (मुहूर्त)
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ब्राह्म मुहूर्त: 4:37 AM – 5:25 AM
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अभिजीत मुहूर्त: 12:01 PM – 12:50 PM
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अमृत काल: 5:09 PM – 6:47 PM
इन मुहूर्तों में कोई भी शुभ कार्य, यात्रा या नया कार्य शुरू करना सफलता और सकारात्मक परिणाम देता है। खासतौर पर अभिजीत मुहूर्त को हर कार्य के लिए उत्तम माना जाता है।
अशुभ समय (राहुकाल और अन्य)
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राहुकाल: 1:58 PM – 3:31 PM
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यमगण्ड: 6:13 AM – 7:46 AM
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गुलिक काल: 9:19 AM – 10:52 AM
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दुर्मुहूर्त: 10:21 AM – 11:11 AM एवं 3:19 PM – 4:08 PM
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वर्ज्य काल: 7:20 AM – 8:58 AM एवं रात 3:42 AM – 5:18 AM
इन अशुभ समयों में कोई भी बड़ा काम, पूंजी निवेश या यात्रा करने से बचना चाहिए।
योग और करण
इस दिन दो प्रमुख योग बन रहे हैं।
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सौभाग्य योग: जो सुबह से दोपहर तक रहेगा। यह योग सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करता है।
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शोभन योग: जो दिन में आगे रहेगा और यह सौंदर्य तथा आकर्षण को बढ़ाने वाला माना जाता है।
करण:
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बव (सुबह तक)
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बालव (शाम तक)
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कौलव (अगले दिन तक)
करण जीवन के छोटे-छोटे कार्यों और उनके परिणामों को प्रभावित करते हैं।
नक्षत्र
4 सितंबर 2025 को रात 11:43 बजे तक उत्तराषाढ़ा नक्षत्र रहेगा, उसके बाद श्रवण नक्षत्र प्रारंभ होगा। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र पराक्रम और सफलता का सूचक है, वहीं श्रवण नक्षत्र ज्ञान और धर्म से जुड़ा हुआ है। इस दिन पूजा-पाठ और ज्ञान से जुड़े कार्यों में विशेष सफलता मिल सकती है।
ग्रह स्थिति
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सूर्य: सिंह राशि में
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चंद्रमा: मकर राशि में
सूर्य का सिंह राशि में होना नेतृत्व क्षमता और आत्मविश्वास बढ़ाता है, जबकि चंद्रमा का मकर राशि में होना व्यक्ति को संतुलन और दृढ़ता प्रदान करता है। यह संयोजन कार्यक्षेत्र और व्यक्तिगत जीवन दोनों के लिए सकारात्मक संकेत देता है।
ऋतु और मासिक महत्व
वैदिक गणना के अनुसार यह समय वर्षा ऋतु का है, जबकि द्रिक गणना के अनुसार शरद ऋतु का प्रारंभ हो रहा है। दोनों ही ऋतुएँ मन और शरीर को ऊर्जावान बनाती हैं। साथ ही यह समय धार्मिक अनुष्ठानों और व्रत-पूजा के लिए भी शुभ माना गया है।
आज का विशेष महत्व
4 सितंबर 2025 का दिन धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह दिन विष्णु पूजा, दान-पुण्य और व्रत के लिए शुभ है। शुभ मुहूर्त का सही उपयोग करने से कार्यों में सफलता मिलने की संभावना बढ़ती है। वहीं राहुकाल और अशुभ समय में सावधानी रखनी चाहिए।
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निष्कर्ष
आज का दिन मिश्रित फल देने वाला है। सुबह और दोपहर के कुछ मुहूर्त अत्यंत शुभ हैं, जिनमें पूजा-पाठ, निवेश, विवाह संबंधी निर्णय या नया कार्य शुरू किया जा सकता है। वहीं राहुकाल और वर्ज्य काल में कार्यों को टालना बेहतर है। ग्रह-नक्षत्र और योग-करण की स्थिति इस दिन को आध्यात्मिक और भौतिक दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाती है।

मैं Rupa Kumari, पंचांग, राशिफल और दैनिक ज्योतिष विषयों पर सरल और सटीक लेख लिखती हूँ, ताकि पाठक अपने दिन की शुभ शुरुआत ज्योतिषीय मार्गदर्शन से कर सकें।