चंद्र ग्रहण 2025: हिंदू पंचांग और ज्योतिष के अनुसार चंद्र ग्रहण 2025 एक अत्यंत महत्वपूर्ण खगोलीय और धार्मिक घटना है। यह केवल खगोल विज्ञान की दृष्टि से ही खास नहीं है, बल्कि धर्म, अध्यात्म और ज्योतिष पर भी इसका गहरा असर माना जाता है। इस वर्ष पड़ने वाले चंद्र ग्रहण को लेकर लोग खासे उत्साहित हैं और जानना चाहते हैं कि इसका समय कब है, सूतक काल कब लगेगा, क्या नियम अपनाने चाहिए और इसका राशियों पर क्या प्रभाव होगा।
चंद्र ग्रहण 2025 कब है?
चंद्र ग्रहण 2025 की तिथि और समय सितंबर महीने में रहेगा। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा जो भारत सहित कई देशों में दिखाई देगा। ग्रहण का आरंभ संध्या समय होगा और समाप्ति रात्रि में।
चंद्र ग्रहण 2025 सूतक काल समय
हिंदू धर्म में ग्रहण लगने से पहले सूतक काल माना जाता है। चंद्र ग्रहण 2025 सूतक काल ग्रहण शुरू होने से लगभग 9 घंटे पूर्व आरंभ हो जाएगा। इस दौरान मंदिरों के द्वार बंद रहते हैं और पूजा-पाठ वर्जित माना जाता है।
सूतक काल में क्या न करें:
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भोजन और पानी को बिना ढके न रखें।
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शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, या गृह प्रवेश न करें।
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गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
चंद्र ग्रहण 2025 धार्मिक नियम
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दौरान कुछ नियमों का पालन आवश्यक होता है।
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इस समय महा मृत्युंजय मंत्र और गायत्री मंत्र का जाप करना उत्तम माना जाता है।
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ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान और घर की शुद्धि करनी चाहिए।
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तुलसी पत्ता भोजन में रखने से भोजन दूषित नहीं होता।
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ग्रहण के बाद दान-पुण्य करना बेहद शुभ माना जाता है।
चंद्र ग्रहण 2025 का राशियों पर प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण का असर सभी राशियों पर अलग-अलग होता है।
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मेष और सिंह राशि: करियर में उन्नति और आत्मविश्वास की वृद्धि।
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कन्या और मकर राशि: स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता।
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वृषभ और तुला राशि: आर्थिक मामलों में उतार-चढ़ाव की संभावना।
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मीन और धनु राशि: आध्यात्मिक उन्नति और मन की शांति।
चंद्र ग्रहण 2025 के उपाय
ग्रहण के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए कुछ आसान उपाय बताए गए हैं।
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ग्रहण समाप्त होते ही स्नान करके नए कपड़े पहनें।
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घर में गंगाजल का छिड़काव करें।
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भगवान शिव या विष्णु की पूजा करें।
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गरीब और जरूरतमंदों को भोजन व वस्त्र का दान करें।
निष्कर्ष
चंद्र ग्रहण 2025 केवल खगोलीय घटना नहीं है, बल्कि इसका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व भी गहरा है। इस दौरान सूतक काल के नियमों का पालन करना, मंत्र जाप और दान-पुण्य करना जीवन में सकारात्मकता लाता है और नकारात्मक प्रभावों को दूर करता है।
👉 कुल मिलाकर, यह ग्रहण कुछ राशियों के लिए नए अवसर लाएगा जबकि कुछ को सतर्क रहने का संदेश देगा। इसलिए सही नियमों और उपायों के साथ इस ग्रहण का सामना करना ही सबसे बेहतर होगा।

मैं Abhishek Kumar भक्ति, आरती, चालीसा और स्तोत्र जैसे धार्मिक विषयों पर भावपूर्ण और सरल लेख लिखता हूँ, ताकि हर पाठक आरती, चालीसा और स्तोत्रों के माध्यम से सनातन संस्कृति से गहराई से जुड़ सके।