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Ganesh Mantra | Sampurn Ganesh Ji Mantra | गणेश जी का मंत्र हिंदी में पढ़ें ।

Sampurn Ganesh mantra
भगवान गणेश को हिंदू धर्म में प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। उन्हें विघ्नहर्ता, बुद्धि के दाता और सभी मंगल कार्यों के प्रारंभकर्ता के रूप में पूजा जाता है। गणेश जी की आराधना करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। गणेश जी मंत्र का जाप करने से हर तरह के संकट दूर होते हैं और मन को शांति मिलती है। आइए, जानते हैं भगवान गणेश के कुछ प्रमुख मंत्रों के बारे में।

गणेश जी मंत्र | Ganesh Mantra | Ganesh Pooja Mantra in Hindi


|| वक्रतुण्ड गणेश मंत्र ||

“वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ |
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ||”

अर्थ:

हे भगवान गणेश, आपकी सूंड टेढ़ी है और आपका शरीर विशाल है।
आपकी आभा करोड़ों सूर्यों के समान तेजस्वी है।
हे देव, कृपया मेरे सभी कार्यों में सदा के लिए विघ्नों को दूर करें।

यह मंत्र भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने, सफलता, बुद्धिमत्ता और कार्यों में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए जपा जाता है।


 

गणेश गायत्री मंत्र

“ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि |
तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥”

अर्थ:

हम एकदंत (एक ही दांत वाले) भगवान गणेश को जानते हैं,
हम वक्रतुण्ड (टेढ़ी सूंड वाले) भगवान का ध्यान करते हैं,
वे दंती (गजानन) हमें सद्बुद्धि प्रदान करें और मार्गदर्शन करें।

यह मंत्र भगवान गणेश की कृपा पाने, बुद्धिमत्ता, समृद्धि और सफलता प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।


 

मूल गणपति मंत्र

“ॐ गं गणपतये नमः”

अर्थ:

“ॐ” – यह ब्रह्मांडीय ध्वनि और दिव्य ऊर्जा का प्रतीक है।
“गं” – यह गणेश जी का बीज मंत्र है, जो उनकी शक्तियों का संक्षिप्त रूप है।
“गणपतये” – इसका अर्थ है गणों के स्वामी अर्थात भगवान गणेश।
“नमः” – इसका अर्थ है नमन या श्रद्धा के साथ समर्पण

संपूर्ण अर्थ:

“मैं भगवान गणेश को नमन करता हूँ, जो समस्त गणों के स्वामी हैं और सभी बाधाओं को दूर करने वाले हैं।”

यह मंत्र बुद्धि, समृद्धि और सफलता प्राप्त करने तथा सभी विघ्नों को दूर करने के लिए जपा जाता है।


 

गणेश नामावली मंत्र 1

“ॐ गणाध्यक्षाय नमः”

अर्थ:

“ॐ” – ब्रह्मांडीय ध्वनि, जो आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है।

“गणाध्यक्षाय” – “गणों के अधिपति” अर्थात भगवान गणेश, जो देवताओं और समस्त प्राणियों के स्वामी हैं।

“नमः” – “नमन” या “श्रद्धा सहित प्रणाम”।

संपूर्ण अर्थ:

“मैं भगवान गणेश को नमन करता हूँ, जो समस्त गणों के अधिपति हैं और सभी विघ्नों को दूर करने वाले हैं।”

यह मंत्र भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने और सभी कार्यों में सफलता हेतु जपा जाता है।


 

गणेश नामावली मंत्र 2 

“ॐ गजाननाय नमः”

अर्थ:

संपूर्ण अर्थ:

“मैं भगवान गणेश को नमन करता हूँ, जिनका मुख हाथी के समान है और जो सभी बाधाओं को दूर करने वाले हैं।”

यह मंत्र भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने, बुद्धि, समृद्धि और सफलता हेतु जपा जाता है।


 

गणेश नामावली मंत्र 3

“ॐ विज्ञाननाशनाय नमः”

अर्थ:

संपूर्ण अर्थ:

“मैं भगवान गणेश को नमन करता हूँ, जो अज्ञान, भ्रम और सभी प्रकार की बाधाओं को नष्ट करने वाले हैं।”

यह मंत्र आत्मज्ञान, सफलता, और समस्त विघ्नों के नाश के लिए जपा जाता है।


 

गणेश नामावली मंत्र 4

“ॐ लम्बोदराय नमः”

अर्थ:

संपूर्ण अर्थ:

“मैं भगवान गणेश को नमन करता हूँ, जो विशाल पेट वाले हैं और संपूर्ण ब्रह्मांड को अपने भीतर धारण किए हुए हैं।”

यह मंत्र समृद्धि, बुद्धि और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।


 

गणेश नामावली मंत्र 5

“ॐ सुमुखाय नमः”

अर्थ:

संपूर्ण अर्थ:

“मैं भगवान गणेश को नमन करता हूँ, जिनका मुख सुंदर, शांत और तेजस्वी है।”

यह मंत्र सौभाग्य, प्रसन्नता और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।


 

गणेश नामावली मंत्र 6

“ॐ गजकर्णिकाय नमः”

अर्थ:

संपूर्ण अर्थ:

“मैं भगवान गणेश को नमन करता हूँ, जिनके कान हाथी के समान बड़े हैं और जो हर शब्द और प्रार्थना को सुनने वाले हैं।”

यह मंत्र एकाग्रता, ध्यान, और ज्ञान प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।


 

गणेश नामावली मंत्र 7

“ॐ विकटाय नमः”

अर्थ:

संपूर्ण अर्थ:

“मैं भगवान गणेश को नमन करता हूँ, जो अद्भुत, विशाल और महान शक्ति वाले हैं, तथा सभी बाधाओं का नाश करने वाले हैं।”

यह मंत्र भय से मुक्ति, शक्ति प्राप्त करने और कठिनाइयों को दूर करने के लिए जपा जाता है।


 

गणेश नामावली मंत्र 8

“ॐ विनायकाय नमः”

अर्थ:

संपूर्ण अर्थ:

“मैं भगवान गणेश को नमन करता हूँ, जो सर्वश्रेष्ठ मार्गदर्शक हैं और सभी बाधाओं को दूर करने वाले हैं।”

यह मंत्र सफलता, ज्ञान और सभी कार्यों में शुभता प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।


 

ऋणहर्ता गणेश मंत्र

“ॐ गणेश ऋणं छिंदि वरेण्यम् हुं नमः फट्”

अर्थ:

  • “ॐ” – यह ब्रह्मांडीय ध्वनि है, जो ईश्वरीय ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है।
  • “गणेश” – भगवान गणेश, जो सभी बाधाओं और कष्टों को दूर करने वाले हैं।
  • “ऋणं छिंदि” – “ऋण” का अर्थ है कर्ज और “छिंदि” का अर्थ है नष्ट करना। अर्थात, हे गणेश जी, मेरे सभी ऋणों (कर्ज) को समाप्त करें।
  • “वरेण्यम्” – जिसका अर्थ है पूजनीय या श्रेष्ठतम
  • “हुं” – यह एक बीज मंत्र है, जो शक्ति और संकल्प को जागृत करता है।
  • “नमः” – इसका अर्थ है नमन या समर्पण
  • “फट्” – यह तात्कालिक प्रभाव उत्पन्न करने वाला बीज मंत्र है, जो नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करता है।

संपूर्ण अर्थ:

“हे भगवान गणेश, आप सर्वश्रेष्ठ और पूजनीय हैं। कृपया मेरे सभी ऋण (कर्ज) और आर्थिक बाधाओं को नष्ट करें। मैं आपको नमन करता हूँ।”

यह मंत्र आर्थिक संकट, कर्ज से मुक्ति और समृद्धि प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।


सिद्धि विनायक मंत्र

“ॐ नमो सिद्धि विनायकाय सर्व कार्य कर्त्रेय सर्व विघ्न प्रशमनाय सर्वर्जाय वश्यकर्णाय सर्वजन सर्वस्त्री पुरुष आकर्षणाय श्रृंग ॐ स्वाहा।”

अर्थ:

  • “ॐ” – यह ब्रह्मांडीय ध्वनि है, जो ईश्वरीय ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है।
  • “नमो” – इसका अर्थ है नमन या समर्पण
  • “सिद्धि विनायकाय”सिद्धि विनायक भगवान गणेश का वह स्वरूप है जो सिद्धियों (दिव्य शक्तियों) के दाता और कार्यों में सफलता दिलाने वाले हैं।
  • “सर्व कार्य कर्त्रेय” – जो सभी कार्यों को सफलतापूर्वक पूर्ण करने की शक्ति प्रदान करते हैं
  • “सर्व विघ्न प्रशमनाय” – जो सभी प्रकार के विघ्नों (बाधाओं) को दूर करने वाले हैं
  • “सर्वर्जाय वश्यकर्णाय” – जो शत्रुओं को वश में करने की शक्ति प्रदान करते हैं
  • “सर्वजन सर्वस्त्री पुरुष आकर्षणाय” – जो सभी लोगों, स्त्रियों और पुरुषों को आकर्षित करने की शक्ति प्रदान करते हैं
  • “श्रृंग ॐ स्वाहा” – यह बीज मंत्र है, जो इस मंत्र के प्रभाव को सशक्त बनाता है और सिद्धि प्राप्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

संपूर्ण अर्थ:

“मैं भगवान सिद्धि विनायक को नमन करता हूँ, जो सभी कार्यों को पूर्ण करने वाले, सभी विघ्नों को दूर करने वाले, शत्रुओं को वश में करने वाले और सभी व्यक्तियों को आकर्षित करने की शक्ति देने वाले हैं। कृपया मेरे कार्यों में सफलता प्रदान करें।”

यह मंत्र कार्यों में सफलता, बाधाओं को दूर करने, सिद्धि प्राप्त करने और समाज में प्रभाव बढ़ाने के लिए जपा जाता है।


शक्तिविनायक मंत्र

“ॐ ह्रीं ग्रीं ह्रीं”

अर्थ:

  • “ॐ” – यह ब्रह्मांडीय ध्वनि है, जो दिव्य ऊर्जा, शक्ति और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है।
  • “ह्रीं” – यह एक शक्तिशाली बीज मंत्र (बीजाक्षर) है, जो आध्यात्मिक शक्ति, आत्मिक जागृति और सकारात्मक ऊर्जा को जाग्रत करता है।
  • “ग्रीं” – यह बीज मंत्र बुद्धि, ज्ञान, और मानसिक स्पष्टता को बढ़ाने वाला है।
  • “ह्रीं” – यह पुनः ऊर्जा को सक्रिय करने और मंत्र की शक्ति को संतुलित करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

संपूर्ण अर्थ:

“मैं भगवान शक्तिविनायक की दिव्य शक्ति को जाग्रत करता हूँ, जो बुद्धि, ज्ञान और आध्यात्मिक ऊर्जा को प्रदान करने वाले हैं। कृपया मुझे शक्ति, सफलता और आंतरिक जागरूकता प्रदान करें।”

यह मंत्र आध्यात्मिक उन्नति, मानसिक शक्ति, आत्मविश्वास और सफलता प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।


गणेश मूल मंत्र

“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजन जन्माय वशमनये स्वाहा तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात् ॐ शांतिः शांतिः शांतिः”

अर्थ:

  • “ॐ” – यह ब्रह्मांडीय ध्वनि है, जो दिव्य ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है।
  • “श्रीं” – यह बीज मंत्र लक्ष्मीजी से संबंधित है, जो समृद्धि और शुभता प्रदान करता है।
  • “ह्रीं” – यह आध्यात्मिक शक्ति, ऊर्जा और ज्ञान को जाग्रत करता है।
  • “क्लीं” – यह आकर्षण, प्रेम और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने वाला बीज मंत्र है।
  • “ग्लौं” – यह भगवान गणेश का विशेष बीज मंत्र है, जो विघ्नों को दूर करने और सफलता दिलाने वाला है।
  • “गं गणपतये” – “गं” भगवान गणेश का मूल बीज मंत्र है, और “गणपतये” का अर्थ है सभी गणों के स्वामी श्री गणेश
  • “वर वरद” – इसका अर्थ है सर्वोत्तम वरदान देने वाले भगवान गणेश
  • “सर्वजन जन्माय वशमनये” – जो सभी लोगों को आकर्षित करने और उनके मन को वश में करने की शक्ति प्रदान करें
  • “स्वाहा” – यह मंत्र को पूर्ण करने और इसे सिद्ध करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • “तत्पुरुषाय विद्महे” – जिसका अर्थ है हम उस परम पुरुष (भगवान गणेश) को जानें
  • “वक्रतुण्डाय धीमहि” – हम वक्रतुण्ड (टेढ़े सूंड वाले भगवान गणेश) का ध्यान करें
  • “तन्नो दंती प्रचोदयात्”वे एकदंत भगवान गणेश हमें प्रेरित करें और सही मार्ग दिखाएँ
  • “ॐ शांतिः शांतिः शांतिः” – यह तीन प्रकार की शांति (शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक) को प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।

संपूर्ण अर्थ:

“हे भगवान गणेश, आप समृद्धि, ज्ञान, और शक्ति के स्रोत हैं। कृपया हमें सफलता प्रदान करें, सभी बाधाओं को दूर करें, और हमें सही मार्ग दिखाएँ। हम आपकी कृपा और आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं।”

यह मंत्र सभी प्रकार के विघ्नों को दूर करने, सफलता प्राप्त करने, आकर्षण शक्ति बढ़ाने और समृद्धि पाने के लिए जपा जाता है।


यहां 👉 शिव तांडव स्त्रोत पढ़ें।

गणेश मंत्र जाप के लाभ

  • गणेश मंत्रों का जाप करने से मन की एकाग्रता बढ़ती है।
  • यह मंत्र जीवन में आने वाले विघ्नों को दूर करते हैं।
  • गणेश जी की कृपा से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है।
  • इन मंत्रों का जाप करने से मन को शांति और आत्मविश्वास मिलता है।

कैसे करें गणेश मंत्र का जाप?

  1. सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. गणेश जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें।
  3. धूप, दीप और फल-फूल अर्पित करें।
  4. मंत्र का जाप करते समय मन को शांत और एकाग्र रखें।
  5. नियमित रूप से मंत्र का जाप करें।

 

निष्कर्ष:

भगवान गणेश के ये मंत्र उनकी विभिन्न शक्तियों और कृपा को प्राप्त करने के लिए हैं। इन मंत्रों के जप से व्यक्ति को बुद्धि, समृद्धि, सफलता और सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है। गणेश जी को विघ्नहर्ता और सिद्धिदाता माना जाता है, इसलिए इन मंत्रों का नियमित जाप करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, शांति और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।

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