Site icon Aarti Dham

नवग्रह मंत्र: जानिए कैसे नवग्रह आपके जीवन को प्रभावित करते हैं? और किस मंत्र के जाप से ग्रहों की नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक में बदला जा सकता है।

Navgrah Mantra: Planetary Influences and Significance of Chanting
नवग्रह मंत्र: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु ये नौ ग्रह मानव जीवन के हर पहलू को प्रभावित करते हैं। इनमें से किसी भी ग्रह की अशुभ स्थिति स्वास्थ्य, करियर, रिश्तों या वित्तीय स्थिति में समस्याएं पैदा कर सकती है। नवग्रह मंत्रों का जाप इन ग्रहों को शांत करने और उनकी सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का शक्तिशाली उपाय है।

नवग्रह मंत्र: ग्रहों के प्रभाव और जाप का महत्व (Navgrah Mantra: Planetary Influences and Significance of Chanting)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु) हमारे जीवन के स्वास्थ्य, करियर, रिश्तों और वित्तीय स्थिति को गहराई से प्रभावित करते हैं। इन ग्रहों की अशुभ स्थिति जीवन में समस्याएं ला सकती है, लेकिन नवग्रह मंत्रों का जाप (Navgrah Mantra Jaap) इनके नकारात्मक प्रभाव को कम करके सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) बढ़ाने में मदद करता है। ये मंत्र ग्रहों को शांत करते हैं और मन की शांति (Peace of Mind), आत्मविश्वास, और सफलता (Success) प्रदान करते हैं।

नवग्रह मंत्र जाप के लाभ (Benefits of Navgrah Mantra Chanting)

प्रतिदिन सुबह 108 बार मंत्र जाप करें और ग्रहों की कृपा पाएं!

नवग्रह मंत्र जाप क्यों करें?

  1. ग्रहों की शांति: मंत्र जाप से ग्रहों के कुप्रभाव कम होते हैं।
  2. मानसिक शांति: तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।
  3. सफलता का मार्ग: ग्रहों की अनुकूलता से जीवन में सफलता आती है।
  4. सकारात्मक ऊर्जा: वातावरण में सकारात्मकता का संचार होता है।

नवग्रह बीज मंत्र (Nav Grah Beej Mantra)

प्रत्येक ग्रह का अपना बीज मंत्र होता है, जो उसकी ऊर्जा को जागृत करता है:

  1. सूर्य: ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:।
    • प्रभाव: आत्मविश्वास और ऊर्जा बढ़ाता है।
  2. चंद्र: ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्राय नम:।
    • प्रभाव: मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन।
  3. मंगल: ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:।
    • प्रभाव: साहस और प्रतिस्पर्धा में सफलता।
  4. बुध: ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
    • प्रभाव: बुद्धि और संचार कौशल विकसित करता है।
  5. गुरु: ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम:।
    • प्रभाव: ज्ञान और आध्यात्मिक विकास।
  6. शुक्र: ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।
    • प्रभाव: प्रेम और सुख-समृद्धि में वृद्धि।
  7. शनि: ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।
    • प्रभाव: कर्मफल से मुक्ति और धैर्य प्रदान करता है।
  8. राहु: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:।
    • प्रभाव: भ्रम और डर से मुक्ति।
  9. केतु: ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: केतवे नम:।
    • प्रभाव: आध्यात्मिक उन्नति और रहस्यमयी समस्याओं का समाधान।

नवग्रह गायत्री मंत्र (Navgraha Gayatri Mantra)

गायत्री मंत्र ग्रहों की दिव्य ऊर्जा को आमंत्रित करने में सहायक हैं:

  1. सूर्य गायत्री:
    ॐ भास्कराय विद्मिहे, महातेजाय धीमहि। तन्नो सूर्य: प्रचोदयात॥
  2. चंद्र गायत्री:
    ॐ क्षीरपुत्राय विद्मिहे, अमृतत्वाय धीमहि। तन्नो चंद्र: प्रचोदयात॥
  3. मंगल गायत्री:
    ॐ अंगारकाय विद्मिहे, वीराय धीमहि। तन्नो भौम: प्रचोदयात॥
  4. बुध गायत्री:
    ॐ सौम्यरूपाय विद्मिहे, बुद्धिदात्रे धीमहि। तन्नो बुध: प्रचोदयात॥
  5. गुरु गायत्री:
    ॐ बृहस्पतये विद्मिहे, वाचस्पतये धीमहि। तन्नो गुरु: प्रचोदयात॥
  6. शुक्र गायत्री:
    ॐ भृगुसुताय विद्मिहे, दिव्यदेहाय धीमहि। तन्नो शुक्र: प्रचोदयात॥
  7. शनि गायत्री:
    ॐ शनैश्चराय विद्मिहे, नीलवर्णाय धीमहि। तन्नो शनि: प्रचोदयात॥
  8. राहु गायत्री:
    ॐ सिरोरूपाय विद्मिहे, अमृतांशाय धीमहि। तन्नो राहु: प्रचोदयात॥
  9. केतु गायत्री:
    ॐ गदाहस्ताय विद्मिहे, ध्वजारूपाय धीमहि। तन्नो केतु: प्रचोदयात॥
Also Read… 5 चमत्कारी वैदिक मंत्र

निष्कर्ष

नवग्रह मंत्रों का नियमित जाप ग्रहों की कृपा प्राप्त करने का सरल उपाय है। प्रतिदिन सुबह स्नानादि के बाद इन मंत्रों का 108 बार जाप करें और ग्रहों की शुभता को अपने जीवन में आमंत्रित करें!

Exit mobile version