Panchang Today: हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह शुभ मुहूर्त, तिथि, नक्षत्र, और योग के आधार पर दिन की गतिविधियों को निर्धारित करने में मदद करता है। आइए जानते हैं 18 अप्रैल 2025, शुक्रवार के पंचांग, विवाह मुहूर्त और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में।
18 अप्रैल 2025 का पंचांग (Today Panchang)
- तिथि (18 April 2025 Tithi in Hindi):
कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि सुबह 05:20 बजे से प्रारंभ होकर 17:04 बजे तक रहेगी। इसके बाद षष्ठी तिथि प्रारंभ होगी। - नक्षत्र: ज्येष्ठा नक्षत्र सुबह 08:13 बजे तक रहेगा।
- योग: परिघा योग दिन भर (अगले दिन 24:54 बजे तक) प्रभावी रहेगा।
- करण:
- प्रथम करण: तैतिल (05:20 से 17:04 बजे तक)।
- द्वितिय करण: गारा (17:04 बजे से अगले दिन 05:49 बजे तक)।
- सूर्योदय/अस्त: 06:20 बजे से 18:57 बजे तक।
- चंद्र राशि: वृश्चिक (स्कॉर्पियो)।
- पक्ष: कृष्ण पक्ष।
18 अप्रैल 2025 के त्योहार
इस दिन कोई प्रमुख हिंदू त्योहार नहीं है, लेकिन चैत्र मास (अमान्त पंचांग) और वैशाख मास (पूर्णिमांत पंचांग) के संधिकाल में धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व है। यह समय नए प्रयासों, पूजा-पाठ और संस्कारों के लिए उपयुक्त माना जाता है।
18 अप्रैल 2025 विवाह मुहूर्त (18 April 2025 Vivah Muhurat)
शुक्रवार को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त निम्नलिखित समयावधि में उपलब्ध है:
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:13 बजे से 01:04 बजे तक।
- अमृत काल: सुबह 06:20 बजे से 08:05 बजे तक।
- दूर मुहूर्तम्: दोपहर 03:38 से 03:40 बजे और 03:48 से 03:51 बजे तक।
अशुभ समय (टालें):
- गुलिक काल: सुबह 07:55 से 09:29 बजे तक।
- यमगण्ड: दोपहर 03:48 से 05:23 बजे तक।
- राहु काल: दोपहर 11:04 से 12:39 बजे तक।
विशेष सुझाव
- विवाह या मांगलिक कार्य: अभिजीत और अमृत काल में संपन्न करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
- सावधानी: चंद्रमा वृश्चिक राशि में होने से संवेदनशील मामलों में संयम बरतें।
- दान-पुण्य: पंचमी तिथि पर अन्नदान या गरीबों की मदद करना फलदायी माना गया है।
नोट
पंचांग के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें। यह जानकारी सामान्य गणना पर आधारित है, जो क्षेत्रीय परंपराओं के अनुसार भिन्न हो सकती है।
आशा है, 18 अप्रैल 2025 के लिए यह पंचांग और मुहूर्त जानकारी आपके लिए उपयोगी रहेगी। शुभ दिन!
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मैं Abhishek Kumar भक्ति, आरती, चालीसा और स्तोत्र जैसे धार्मिक विषयों पर भावपूर्ण और सरल लेख लिखता हूँ, ताकि हर पाठक आरती, चालीसा और स्तोत्रों के माध्यम से सनातन संस्कृति से गहराई से जुड़ सके।