सावन सोमवार 2025: सावन सोमवार को शिव अर्चना कैसे करें? सम्पूर्ण विधि और लाभ सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति का प्रतीक होता है। इस माह के प्रत्येक सोमवार को “सावन सोमवार व्रत” रखा जाता है और विशेष रूप से भगवान भोलेनाथ की अर्चना की जाती है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि सावन सोमवार को शिव अर्चना कैसे करें, किन सामग्रियों की आवश्यकता होती है, और क्या लाभ मिलते हैं।
सावन सोमवार का महत्व
सावन का महीना जब चातुर्मास की शुरुआत होती है, उस समय में भगवान शिव की पूजा अत्यंत फलदायक मानी जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी समय में देवी पार्वती ने कठोर तपस्या कर शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। इस कारण अविवाहित कन्याएं इस दिन व्रत रखती हैं और विवाहित स्त्रियां अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए शिव अर्चना करती हैं।
शिव अर्चना करने की सही विधि
1. प्रातः काल की तैयारी
-
सोमवार के दिन ब्राह्ममुहूर्त में उठें।
-
स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
-
पूजा स्थान को साफ करके वहां शिवलिंग स्थापित करें (यदि घर में नहीं है तो मंदिर जाएं)।
2. संकल्प और सामग्री संग्रह
-
शिव अर्चना से पहले संकल्प लें: “मैं अमुक नाम, इस सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा व्रत हेतु संकल्प लेता/लेती हूँ।”
-
पूजा सामग्री: बेलपत्र, गंगाजल, कच्चा दूध, दही, शहद, घी, चीनी (पंचामृत), धूप, दीप, फूल, चंदन, भस्म, भांग, धतूरा आदि।
3. अभिषेक विधि
-
सबसे पहले शिवलिंग पर गंगाजल या शुद्ध जल चढ़ाएं।
-
इसके बाद पंचामृत से अभिषेक करें।
-
एक बार पुनः जल से अभिषेक करें ताकि शिवलिंग स्वच्छ हो जाए।
-
अब बेलपत्र, फूल, भांग, धतूरा आदि अर्पित करें।
4. मंत्र जाप और स्तुति
-
पूजा के दौरान या अभिषेक करते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
-
यदि संभव हो तो महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें।
-
भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें और भोग अर्पित करें।
सावधानियां – शिवलिंग पर क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?
-
तुलसी के पत्ते कभी भी शिवलिंग पर न चढ़ाएं।
-
केसर या हल्दी का प्रयोग भी शिव पूजा में नहीं किया जाता।
-
टूटा हुआ बेलपत्र चढ़ाना वर्जित है।
-
नारियल पानी, सिंदूर, और काले तिल शिवलिंग पर नहीं चढ़ाए जाते।
धन प्राप्ति के लिए शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं?
-
जल में गंगाजल, शहद और केसर की बूंदें मिलाकर अर्पित करें।
-
बेलपत्र पर “ॐ नमः शिवाय” लिखकर शिवलिंग पर रखें।
-
शहद, घी और चंदन का मिश्रण चढ़ाना भी धन-प्राप्ति में सहायक माना जाता है।
सबसे पहले क्या चढ़ाएं — दूध या जल?
-
पूजन की शुरुआत शुद्ध जल चढ़ाने से करें।
-
इसके बाद दूध, फिर दही, फिर घी, शहद और अंत में चीनी — यानी पंचामृत चढ़ाएं।
-
इसके पश्चात पुनः जल अर्पित करें।
क्या लाभ होता है सावन सोमवार की पूजा से?
-
भगवान शिव की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
-
पारिवारिक जीवन सुखमय रहता है।
-
वैवाहिक योग बनने लगते हैं।
-
कालसर्प दोष, पितृ दोष और ग्रह बाधाएं दूर होती हैं।
-
मन, मस्तिष्क और आत्मा में शांति का अनुभव होता है।
Also Read… शिव ध्यान मंत्र: Shiva Mantra for success
निष्कर्ष
सावन सोमवार को विधिपूर्वक भगवान शिव की अर्चना करने से हर भक्त को दिव्य अनुभव और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। यदि आप यह पूजन श्रद्धा और सही विधि से करें तो भगवान शिव आपके समस्त कष्टों को हर लेंगे और जीवन में समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
अगर आप इस लेख को पसंद करें तो इसे शेयर करना न भूलें और अपने अनुभव कमेंट में बताएं।
मैं Abhishek Kumar भक्ति, आरती, चालीसा और स्तोत्र जैसे धार्मिक विषयों पर भावपूर्ण और सरल लेख लिखता हूँ, ताकि हर पाठक आरती, चालीसा और स्तोत्रों के माध्यम से सनातन संस्कृति से गहराई से जुड़ सके।