भगवान शिव को सनातन धर्म में पूजनीय माना गया है। इन्हें आदिदेव, महादेव के नाम से भी जाना जाता है, और इनके अनेक नाम भी है, और इनके बहुत सारी शक्तिशाली स्तुति है, जिसमें से एक शिव स्तुति (Shiv Stuti) बहुत पावरफुल स्तुति है। यह स्तुति भगवान शिव को पाने और समर्पण का मार्ग है, यह न केवल आध्यात्मिकता के ओर ले जाती हैं बल्कि जीवन के सभी संकटों से निवारण करती है। शिव पुराण, स्कंद पुराण और रामचरितमानस जैसे ग्रंथों में शिव स्तुति का विस्तृत वर्णन मिलता है, जो तुलसीदास, आदि शंकराचार्य और कई संतों द्वारा रचा गया है। आइए हिंदी में संपूर्ण शिव स्तुति पढ़ते है।
शिव स्तुति- आशुतोष शशांक शेखर || Ashutosh Shashank Shekhar Lyrics in Hindi
आशुतोष शशांक शेखर,
चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू,
कोटि नमन दिगम्बरा ।।
निर्विकार ओमकार अविनाशी,
तुम्ही देवाधि देव,
जगत सर्जक प्रलय करता,
शिवम सत्यम सुंदरा ।।
निरंकार स्वरूप कालेश्वर,
महा योगीश्वरा,
दयानिधि दानिश्वर जय,
जटाधार अभयंकरा ।।
शूल पानी त्रिशूल धारी,
औगड़ी बाघम्बरी,
जय महेश त्रिलोचनाय,
विश्वनाथ विशम्भरा ।।
नाथ नागेश्वर हरो हर,
पाप साप अभिशाप तम,
महादेव महान भोले,
सदा शिव शिव संकरा ।।
जगत पति अनुरकती भक्ति,
सदैव तेरे चरण हो,
क्षमा हो अपराध सब,
जय जयति जगदीश्वरा ।।
जनम जीवन जगत का,
संताप ताप मिटे सभी,
ओम नमः शिवाय मन,
जपता रहे पञ्चाक्षरा ।।
आशुतोष शशांक शेखर,
चन्द्र मौली चिदंबरा,
कोटि कोटि प्रणाम शम्भू,
कोटि नमन दिगम्बरा ।।
कोटि नमन दिगम्बरा।।
शिव स्तुति का महत्व
शिव स्तुति का घर में नियमित पाठ करने से आपके जीवन में दुःख, रोग और आर्थिक कठिनाइयों से निवारण मिलता है। इसके पाठ से आध्यात्मिक उन्नति, मन की शांति और भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहेगी। शिव जी को ” आशुतोष” के नाम से जाना जाता है, इनके स्तुति के मन क्रम ध्यान से जो भी मनोकामना पूर्ति के लिए पाठ करता है, उसकी मनोकामना शीघ्र ही पूरी होने लगती है। और घर परिवार में सुख समृद्धि आने लगती है।
शिव स्तुति पाठ की विधि
शिव स्तुति करने के लिए कुछ नियमों का ध्यान रखें, ब्रह्म मुहूर्त में या सोमवार और महाशिवरात्रि पावन पर्व पे शिव स्तुति करने पर बेहद फलदाई होता है। पथ करने से पहले स्नान करें और साफ सुथरे कपड़ा धारण करें, पूजा करने के जगह पर गंगाजल का छिड़काव कर उसे पवित्र करें। शिवलिंग के सामने बैठ कर बेलपत्र, धूप, अगरबत्ती, चंदन और जल से अभिषेख करें। फिर मन को शांत कर के शिव जी के स्वरूप को ध्यान किया जाता है। शिव स्तुति के पथ करने के बाद ॐ नमः शिवाय का 108 बार जप अवश्य करें।
- शिव स्तुति करने के लिए कुछ नियमों का ध्यान रखें।
- ब्रह्म मुहूर्त, सोमवार, और महाशिवरात्रि के दिन शिव स्तुति करना अत्यंत फलदायी होता है।
- पाठ करने से पहले स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े धारण करें।
- पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
- शिवलिंग के सामने बैठकर बेलपत्र, धूप, अगरबत्ती, चंदन, और जल से अभिषेक करें।
- फिर मन को शांत करके भगवान शिव के स्वरूप का ध्यान करें।
- शिव स्तुति के पाठ के बाद ॐ नमः शिवाय का 108 बार जप अवश्य करें।
शिव स्तुति के लाभ
- शारीरिक स्वास्थ्य: मानसिक तनाव और गंभीर रोगों से मुक्ति।
- धन लाभ: आर्थिक संकट दूर होकर धन-धान्य में वृद्धि।
- सुरक्षा: नकारात्मक ऊर्जा और शत्रु भय समाप्त।
- मोक्ष की प्राप्ति: काशी में मृत्यु पर शिवजी सीधे मोक्ष प्रदान करते हैं।
FAQ
Q1. शिव स्तुति कब पढ़नी चाहिए?
A: प्रातः 4-6 बजे या संध्या समय, विशेषतः सोमवार और शिवरात्रि पर।
Q2. क्या स्तुति पाठ बिना मूर्ति के किया जा सकता है?
A: हाँ, मन में शिव का ध्यान करके भी पाठ प्रभावी है।
Q3. शिव स्तुति का PDF कहाँ से डाउनलोड करें?
A: hindikunj.com, ramcharit.in और shrishivchalisa.com जैसी वेबसाइट्स से।
निष्कर्ष
शिव स्तुति भक्ति और विज्ञान का अद्भुत संगम है। यह न केवल ईश्वरीय कृपा प्राप्त करने का साधन है, बल्कि आंतरिक शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत भी। नियमित पाठ से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और शांति प्राप्त होती है।