राष्ट्रीय मिति माघ 24, शक संवत 1946, फाल्गुन कृष्ण पक्ष, प्रतिपदा, बृहस्पतिवार, विक्रम संवत 2081। सौर मास फाल्गुन मास प्रविष्टे 02। इस्लामी कैलेंडर शब्बान 14, हिजरी 1446।अंग्रेजी तारीख 13 फरवरी 2025 ईस्वी। सूर्य की स्थिति उत्तरायण, दक्षिण गोल। ऋतु शिशिर ऋतु। राहुकाल अपराह्न 01:30 बजे से 03:00 बजे तक। तिथि परिवर्तन प्रतिपदा तिथि रात्रि 08:22 बजे तक रहेगी, इसके बाद द्वितीया तिथि का आरंभ होगा।
तिथि एवं संवत
- विक्रम संवत: 2081
- शक संवत: 1946
- राष्ट्रीय पंचांग (मिति): माघ मास की 24 तिथि।
- हिजरी संवत: 14 शब्बान 1446
- अंग्रेजी तिथि: 13 फरवरी 2025
चंद्र मास: फाल्गुन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि। यह तिथि रात्रि 08:22 बजे तक रहेगी, उसके पश्चात द्वितीया तिथि प्रारंभ होगी।
13 फ़रवरी 2025 ग्रहों की स्थिति
सूर्य दक्षिण गोलार्ध से उत्तरायण काल में, सूर्य की उत्तर दिशा में गति होगी। चंद्रमा सिंह राशि में प्रवेश कर रहे है। और ऋतु शिशिर ऋतु में दंड का मौसम बना रहेगा।
- सूर्य: दक्षिण गोलार्ध में, उत्तरायण काल (सूर्य की उत्तर दिशा की गति)।
- चंद्रमा: सिंह राशि में संचार कर रहा है।
- ऋतु: शिशिर ऋतु (ठंड का मौसम)।
13 फ़रवरी 2025 तिथि, नक्षत्र एवं योग
- तिथि: फाल्गुन कृष्ण प्रतिपदा (रात 08:22 तक)।
- नक्षत्र: मघा नक्षत्र (रात 09:07 तक), फिर पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र प्रारंभ।
- योग: प्रातः 07:31 तक शोभन योग, फिर अतिगण्ड योग।
- करण: प्रातः 07:53 तक बालव करण, फिर तैतिल करण।
13 फ़रवरी 2025 सूर्योदय एवं सूर्यास्त
- शुर्योदय: सुबह 07:00 बजे होगा।
- सूर्यास्त: शाम 06:09 बजे होगा।
- दिन की अवधि: लगभग 11 घंटे 9 मिनट होगा।
शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:18 से 06:10 तक। यह समय ध्यान, अध्ययन और आध्यात्मिक कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है।
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:27 से 03:12 तक। नए कार्यों की शुरुआत, यात्रा या शुभ कार्यों के लिए अनुकूल।
- निशिथ काल: रात्रि 12:09 से 01:01 तक। यह समय तांत्रिक क्रियाओं और गुप्त साधनाओं के लिए श्रेष्ठ है।
- गोधूलि बेला: शाम 06:07 से 06:33 तक। संध्या काल में देवपूजन और मंत्र जाप के लिए उपयुक्त।
अशुभ मुहूर्त
- राहुकाल: दोपहर 01:30 से 03:00 बजे तक। इस दौरान महत्वपूर्ण कार्य टालने चाहिए।
- गुलिक काल: सुबह 09:00 से 10:30 तक। यह समय संघर्ष और असफलता का संकेत देता है।
- यमगंड: सुबह 06:00 से 07:30 तक। इस अवधि में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव रहता है।
- दुर्मुहूर्त: सुबह 10:44 से 11:29 तक। शुभ कार्यों के लिए अनुपयुक्त समय।
विशेष संयोग एवं फल
- मघा नक्षत्र: यह नक्षत्र पितृ कार्यों और दान-पुण्य के लिए शुभ है, किंतु विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता।
- अतिगण्ड योग: इस योग में किए गए कार्यों में विलंब या बाधा की संभावना होती है।
- तैतिल करण: यह करण सामान्य कार्यों के लिए अनुकूल है, लेकिन बड़े निवेश से बचना चाहिए।
ऋतु एवं प्रकृति
इस दिन शिशिर ऋतु का प्रभाव रहेगा, जो प्रकृति में शीतलता और नवजीवन का संचार करता है। सूर्य के दक्षिणायन होने के कारण रातें लंबी एवं दिन छोटे हैं।
धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व
फाल्गुन मास हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसी मास में होली का त्योहार मनाया जाता है। कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा पर पितृ तर्पण और देवी-देवताओं की विशेष पूजा की जाती है।
सावधानियाँ एवं सुझाव
- राहुकाल और गुलिक काल में कोई नया कार्य प्रारंभ न करें।
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्वास्थ्यवर्धक क्रियाएँ करें।
- चंद्रमा के सिंह राशि में होने के कारण साहसिक कार्यों में सतर्कता बरतें।
निष्कर्ष
13 फरवरी 2025 का पंचांग विविध खगोलीय एवं ज्योतिषीय तत्वों से युक्त है। शुभ मुहूर्तों का सदुपयोग करके व्यक्ति सफलता प्राप्त कर सकता है, जबकि अशुभ समय में सावधानी आवश्यक है। पंचांग का अध्ययन हमें प्रकृति के साथ तालमेल बनाकर जीवन को सुखद बनाने की प्रेरणा देता है।