सावन सोमवार 2025: सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे पावन माना जाता है। इस वर्ष सावन का दूसरा सोमवार 21 जुलाई 2025 को आ रहा है। इस दिन शिव भक्त विशेष रूप से व्रत रखते हैं और शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं ताकि भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे।
सोमवार को शिवलिंग पर जलाभिषेक का महत्व
हिंदू धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा पूर्वक जलाभिषेक करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। खासकर सावन के सोमवार को शिवलिंग पर जल, दूध, और पंचामृत चढ़ाने का अत्यधिक महत्व होता है।
शिवलिंग पर जल में क्या डालकर चढ़ाना चाहिए?
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय उसमें कुछ विशेष सामग्री मिलाना शुभ माना जाता है:
-
गंगाजल: पवित्रता का प्रतीक है और भगवान शिव को प्रिय है।
-
कच्चा दूध: शुद्धता और शांति का प्रतीक।
-
शहद: मीठास और सुखद वैवाहिक जीवन का संकेत।
-
दही और चंदन: शीतलता और पुण्य का प्रतीक।
इन सामग्रियों को जल में मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाना बहुत ही फलदायी होता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है।
शिवलिंग पर सबसे पहले क्या चढ़ाएं – दूध या पानी?
यह एक आम प्रश्न है कि जलाभिषेक की शुरुआत कैसे करें। ज्योतिषाचार्यों और धर्मग्रंथों के अनुसार:
-
सबसे पहले शुद्ध जल से शिवलिंग को स्नान कराएं।
-
उसके बाद दूध, दही, घी, शहद और चीनी से बना पंचामृत अर्पित करें।
-
पंचामृत के बाद पुनः जल चढ़ाकर शिवलिंग को शुद्ध करें।
इस क्रम को पालन करने से पूजा पूर्ण मानी जाती है और भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
सोमवार को शिवलिंग पर क्या नहीं चढ़ाना चाहिए?
शिव पूजा करते समय कुछ नियमों का ध्यान रखना आवश्यक है। विशेष रूप से निम्नलिखित चीजें शिवलिंग पर नहीं चढ़ानी चाहिए:
-
तुलसी के पत्ते: ये भगवान विष्णु को अर्पित किए जाते हैं, शिव को नहीं।
-
केवड़ा फूल और उसका जल: इसे शिवलिंग पर चढ़ाना निषेध माना गया है।
-
तूथपेस्ट या साबुन से धुले फूल या पत्ते: शुद्धता भंग करता है।
-
कटे-फटे बेलपत्र या सूखे फूल: अशुद्ध माने जाते हैं।
शिव पूजा में शुद्धता और नियमों का पालन बहुत ज़रूरी होता है, अन्यथा पूजा का फल नहीं मिलता।
धन प्राप्ति के लिए शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं?
यदि आप आर्थिक समृद्धि और धन लाभ की कामना रखते हैं, तो शिवलिंग पर ये चीजें अवश्य चढ़ाएं:
-
जल और गंगाजल: शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा के लिए।
-
शहद और दूध: सौभाग्य और समृद्धि के लिए।
-
अक्षत (साबूत चावल): लक्ष्मी प्राप्ति के लिए।
-
बेलपत्र: शुभता और मनोकामना पूर्ति के लिए।
-
धतूरा और भांग: शिव को प्रिय है और शत्रु बाधा से मुक्ति दिलाता है।
इन सभी चीजों को श्रद्धा और विधिपूर्वक अर्पित करने से धन लाभ के योग बनते हैं और कारोबार में सफलता मिलती है।
ज्योतिष के अनुसार सोमवार को क्या नहीं करना चाहिए?
सावन और सोमवार दोनों ही शिव भक्ति के विशेष दिन हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सोमवार को निम्नलिखित कार्यों से बचना चाहिए:
-
झूठ बोलना या क्रोध करना।
-
मांस-मदिरा का सेवन करना।
-
शिवलिंग पर तुलसी या केवड़ा अर्पित करना।
-
किसी का अपमान करना या बुरे विचार रखना।
-
व्रत के दिन अनाज खाना (यदि व्रत रखा हो)।
सोमवार को सात्विक रहन-सहन, शुभ विचार और भक्तिपूर्वक पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और शिव कृपा बनी रहती है।
निष्कर्ष
सावन का दूसरा सोमवार भगवान शिव की आराधना के लिए बेहद शुभ अवसर है। इस दिन विधिपूर्वक जलाभिषेक, पंचामृत अर्पण और मंत्रजप करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। यदि आप धन, सुख, और सफलता की कामना करते हैं, तो शिवलिंग पर सही विधि और सामग्रियों के साथ पूजा करें।
याद रखें, “श्रद्धा और नियम” – यही है शिव भक्ति की असली कुंजी।
यदि आपको यह लेख उपयोगी लगा हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ ज़रूर साझा करें और इस सावन सोमवार को भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करें।
प्रश्न: सावन सोमवार 2025 पर शिवलिंग पर क्या चढ़ाना चाहिए और क्या नहीं?
उत्तर:
सावन सोमवार 2025 पर शिवलिंग पर सबसे पहले शुद्ध जल चढ़ाएं, फिर दूध, दही, घी, शहद और चीनी से पंचामृत अर्पित करें। धन प्राप्ति के लिए बेलपत्र, धतूरा और शमीपत्र भी चढ़ाएं। तुलसी पत्ता, केवड़ा जल, टूटे बेलपत्र और मांसाहार से परहेज करें। ‘ॐ नमः शिवाय’ और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए पूजा करें।

मैं Abhishek Kumar भक्ति, आरती, चालीसा और स्तोत्र जैसे धार्मिक विषयों पर भावपूर्ण और सरल लेख लिखता हूँ, ताकि हर पाठक आरती, चालीसा और स्तोत्रों के माध्यम से सनातन संस्कृति से गहराई से जुड़ सके।